2إِنّا خَلَقنَا الإِنسانَ مِن نُطفَةٍ أَمشاجٍ نَبتَليهِ فَجَعَلناهُ سَميعًا بَصيرًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहमने मनुष्य को एक मिश्रित वीर्य से पैदा किया, उसे उलटते-पलटते रहे, फिर हमने उसे सुनने और देखनेवाला बना दिया