3أَيَحسَبُ الإِنسانُ أَلَّن نَجمَعَ عِظامَهُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या मनुष्य यह समझता है कि हम कदापि उसकी हड्डियों को एकत्र न करेंगे?