14يَومَ تَرجُفُ الأَرضُ وَالجِبالُ وَكانَتِ الجِبالُ كَثيبًا مَهيلًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस दिन धरती और पहाड़ काँप उठेंगे, और पहाड़ रेत के ऐसे ढेर होकर रह जाएगे जो बिखरे जा रहे होंगे