6وَأَنَّهُ كانَ رِجالٌ مِنَ الإِنسِ يَعوذونَ بِرِجالٍ مِنَ الجِنِّ فَزادوهُم رَهَقًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"और यह कि मनुष्यों में से कितने ही पुरुष ऐसे थे, जो जिन्नों में से कितने ही पुरूषों की शरण माँगा करते थे। इसप्रकार उन्होंने उन्हें (जिन्नों को) और चढ़ा दिया