5وَأَنّا ظَنَنّا أَن لَن تَقولَ الإِنسُ وَالجِنُّ عَلَى اللَّهِ كَذِبًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"और यह कि हमने समझ रखा था कि मनुष्य और जिन्न अल्लाह के विषय में कभी झूठ नहीं बोलते