13وَأَنّا لَمّا سَمِعنَا الهُدىٰ آمَنّا بِهِ ۖ فَمَن يُؤمِن بِرَبِّهِ فَلا يَخافُ بَخسًا وَلا رَهَقًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"और यह कि जब हमने मार्गदर्शन की बात सुनी तो उसपर ईमान ले आए। अब तो कोई अपने रब पर ईमान लाएगा, उसे न तो किसी हक़ के मारे जाने का भय होगा और न किसी ज़ुल्म-ज़्यादती का