12وَأَنّا ظَنَنّا أَن لَن نُعجِزَ اللَّهَ فِي الأَرضِ وَلَن نُعجِزَهُ هَرَبًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"और यह कि हमने समझ लिया कि हम न धरती में कही जाकर अल्लाह के क़ाबू से निकल सकते है, और न आकाश में कहीं भागकर उसके क़ाबू से निकल सकते है