10وَأَنّا لا نَدري أَشَرٌّ أُريدَ بِمَن فِي الأَرضِ أَم أَرادَ بِهِم رَبُّهُم رَشَدًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ये कि हम नहीं समझते कि उससे अहले ज़मीन के हक़ में बुराई मक़सूद है या उनके परवरदिगार ने उनकी भलाई का इरादा किया है