98أَوَأَمِنَ أَهلُ القُرىٰ أَن يَأتِيَهُم بَأسُنا ضُحًى وَهُم يَلعَبونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीया उन बस्तियों वाले इससे बेख़ौफ हैं कि उन पर दिन दहाड़े हमारा अज़ाब आ पहुँचे जब वह खेल कूद (में मशग़ूल हो)