81إِنَّكُم لَتَأتونَ الرِّجالَ شَهوَةً مِن دونِ النِّساءِ ۚ بَل أَنتُم قَومٌ مُسرِفونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीहाँ तुम औरतों को छोड़कर शहवत परस्ती के वास्ते मर्दों की तरफ माएल होते हो (हालाकि उसकी ज़रूरत नहीं) मगर तुम लोग कुछ हो ही बेहूदा