77فَعَقَرُوا النّاقَةَ وَعَتَوا عَن أَمرِ رَبِّهِم وَقالوا يا صالِحُ ائتِنا بِما تَعِدُنا إِن كُنتَ مِنَ المُرسَلينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीग़रज़ उन लोगों ने ऊँटनी के कूचें और पैर काट डाले और अपने परवरदिगार के हुक्म से सरताबी की और (बेबाकी से) कहने लगे अगर तुम सच्चे रसूल हो तो जिस (अज़ाब) से हम लोगों को डराते थे अब लाओ