56وَلا تُفسِدوا فِي الأَرضِ بَعدَ إِصلاحِها وَادعوهُ خَوفًا وَطَمَعًا ۚ إِنَّ رَحمَتَ اللَّهِ قَريبٌ مِنَ المُحسِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर धरती में उसके सुधार के पश्चात बिगाड़ न पैदा करो। भय और आशा के साथ उसे पुकारो। निश्चय ही, अल्लाह की दयालुता सत्कर्मी लोगों के निकट है