55ادعوا رَبَّكُم تَضَرُّعًا وَخُفيَةً ۚ إِنَّهُ لا يُحِبُّ المُعتَدينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअपने रब को गिड़गिड़ाकर और चुपके-चुपके पुकारो। निश्चय ही वह हद से आगे बढ़नेवालों को पसन्द नहीं करता