52وَلَقَد جِئناهُم بِكِتابٍ فَصَّلناهُ عَلىٰ عِلمٍ هُدًى وَرَحمَةً لِقَومٍ يُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजिस तरह यह लोग (हमारी) आज की हुज़ूरी को भूलें बैठे थे और हमारी आयतों से इन्कार करते थे हालांकि हमने उनके पास (रसूल की मारफत किताब भी भेज दी है)