5فَما كانَ دَعواهُم إِذ جاءَهُم بَأسُنا إِلّا أَن قالوا إِنّا كُنّا ظالِمينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीकि वह लोग या तो रात की नींद सो रहे थे या दिन को क़लीला (खाने के बाद का लेटना) कर रहे थे तब हमारा अज़ाब उन पर आ पड़ा तो उनसे सिवाए इसके और कुछ न कहते बन पड़ा कि हम बेशक ज़ालिम थे