48وَنادىٰ أَصحابُ الأَعرافِ رِجالًا يَعرِفونَهُم بِسيماهُم قالوا ما أَغنىٰ عَنكُم جَمعُكُم وَما كُنتُم تَستَكبِرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर आराफ वाले कुछ (जहन्नुमी) लोगों को जिन्हें उनका चेहरा देखकर पहचान लेगें आवाज़ देगें और और कहेगें अब न तो तुम्हारा जत्था ही तुम्हारे काम आया और न तुम्हारी शेखी बाज़ी ही (सूद मन्द हुई)