202وَإِخوانُهُم يَمُدّونَهُم فِي الغَيِّ ثُمَّ لا يُقصِرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीउन काफिरों के भाई बन्द शैतान उनको (धर पकड़) गुमराही के तरफ घसीटे जाते हैं फिर किसी तरह की कोताही (भी) नहीं करते