196إِنَّ وَلِيِّيَ اللَّهُ الَّذي نَزَّلَ الكِتابَ ۖ وَهُوَ يَتَوَلَّى الصّالِحينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(फिर देखो मेरा क्या बना सकते हो) बेशक मेरा मालिक व मुमताज़ तो बस ख़ुदा है जिस ने किताब क़ुरान को नाज़िल फरमाया और वही (अपने) नेक बन्दों का हाली (मददगार) है