192وَلا يَستَطيعونَ لَهُم نَصرًا وَلا أَنفُسَهُم يَنصُرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर न उनकी मदद की कुदरत रखते हैं और न आप अपनी मदद कर सकते हैं