184أَوَلَم يَتَفَكَّروا ۗ ما بِصاحِبِهِم مِن جِنَّةٍ ۚ إِن هُوَ إِلّا نَذيرٌ مُبينٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या उन लोगों ने विचार नहीं किया? उनके साथी को कोई उन्माद नहीं। वह तो बस एक साफ़-साफ़ सचेत करनेवाला है