177ساءَ مَثَلًا القَومُ الَّذينَ كَذَّبوا بِآياتِنا وَأَنفُسَهُم كانوا يَظلِمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया है उनकी भी क्या बुरी मसल है और अपनी ही जानों पर सितम ढाते रहे