123قالَ فِرعَونُ آمَنتُم بِهِ قَبلَ أَن آذَنَ لَكُم ۖ إِنَّ هٰذا لَمَكرٌ مَكَرتُموهُ فِي المَدينَةِ لِتُخرِجوا مِنها أَهلَها ۖ فَسَوفَ تَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीफिरऔन ने कहा (हाए) तुम लोग मेरी इजाज़त के क़ब्ल (पहले) उस पर ईमान ले आए ये ज़रूर तुम लोगों की मक्कारी है जो तुम लोगों ने उस शहर में फैला रखी है ताकि उसके बाशिन्दों को यहाँ से निकाल कर बाहर करो पस तुम्हें अन क़रीब ही उस शरारत का मज़ा मालूम हो जाएगा