111قالوا أَرجِه وَأَخاهُ وَأَرسِل فِي المَدائِنِ حاشِرينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(आख़िर) सबने मुत्तफिक़ अलफाज़ (एक ज़बान होकर) कहा कि (ऐ फिरऔन) उनको और उनके भाई (हारून) को चन्द दिन कैद में रखिए और (एतराफ़ के) शहरों में हरकारों को भेजिए