42وَلا بِقَولِ كاهِنٍ ۚ قَليلًا ما تَذَكَّرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर न किसी काहिन की (ख्याली) बात है तुम लोग तो बहुत कम ग़ौर करते हो