33إِنَّهُ كانَ لا يُؤمِنُ بِاللَّهِ العَظيمِफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(क्यों कि) ये न तो बुज़ुर्ग ख़ुदा ही पर ईमान लाता था और न मोहताज के खिलाने पर आमादा (लोगों को) करता था