49لَولا أَن تَدارَكَهُ نِعمَةٌ مِن رَبِّهِ لَنُبِذَ بِالعَراءِ وَهُوَ مَذمومٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीअगर तुम्हारे परवरदिगार की मेहरबानी उनकी यावरी न करती तो चटियल मैदान में डाल दिए जाते और उनका बुरा हाल होता