48فَاصبِر لِحُكمِ رَبِّكَ وَلا تَكُن كَصاحِبِ الحوتِ إِذ نادىٰ وَهُوَ مَكظومٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो तुम अपने परवरदिगार के हुक्म के इन्तेज़ार में सब्र करो और मछली (का निवाला होने) वाले (यूनुस) के ऐसे न हो जाओ कि जब वह ग़ुस्से में भरे हुए थे और अपने परवरदिगार को पुकारा