4ثُمَّ ارجِعِ البَصَرَ كَرَّتَينِ يَنقَلِب إِلَيكَ البَصَرُ خاسِئًا وَهُوَ حَسيرٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीफिर दुबारा ऑंख उठा कर देखो तो (हर बार तेरी) नज़र नाकाम और थक कर तेरी तरफ पलट आएगी