28قُل أَرَأَيتُم إِن أَهلَكَنِيَ اللَّهُ وَمَن مَعِيَ أَو رَحِمَنا فَمَن يُجيرُ الكافِرينَ مِن عَذابٍ أَليمٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकहो, "क्या तुमने यह भी सोचा कि यदि अल्लाह मुझे और उन्हें भी, जो मेरे साथ है, विनष्ट ही कर दे या वह हम पर दया करे, आख़िर इनकार करनेवालों को दुखद यातना से कौन पनाह देगा?"