19أَوَلَم يَرَوا إِلَى الطَّيرِ فَوقَهُم صافّاتٍ وَيَقبِضنَ ۚ ما يُمسِكُهُنَّ إِلَّا الرَّحمٰنُ ۚ إِنَّهُ بِكُلِّ شَيءٍ بَصيرٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीक्या उन लोगों ने अपने सरों पर चिड़ियों को उड़ते नहीं देखा जो परों को फैलाए रहती हैं और समेट लेती हैं कि ख़ुदा के सिवा उन्हें कोई रोके नहीं रह सकता बेशक वह हर चीज़ को देख रहा है