10وَقالوا لَو كُنّا نَسمَعُ أَو نَعقِلُ ما كُنّا في أَصحابِ السَّعيرِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (ये भी) कहेंगे कि अगर (उनकी बात) सुनते या समझते तब तो (आज) दोज़ख़ियों में न होते