يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا توبوا إِلَى اللَّهِ تَوبَةً نَصوحًا عَسىٰ رَبُّكُم أَن يُكَفِّرَ عَنكُم سَيِّئَاتِكُم وَيُدخِلَكُم جَنّاتٍ تَجري مِن تَحتِهَا الأَنهارُ يَومَ لا يُخزِي اللَّهُ النَّبِيَّ وَالَّذينَ آمَنوا مَعَهُ ۖ نورُهُم يَسعىٰ بَينَ أَيديهِم وَبِأَيمانِهِم يَقولونَ رَبَّنا أَتمِم لَنا نورَنا وَاغفِر لَنا ۖ إِنَّكَ عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ قَديرٌ
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ऐ ईमानदारों ख़ुदा की बारगाह में साफ़ ख़ालिस दिल से तौबा करो तो (उसकी वजह से) उम्मीद है कि तुम्हारा परवरदिगार तुमसे तुम्हारे गुनाह दूर कर दे और तुमको (बेहिश्त के) उन बाग़ों में दाखिल करे जिनके नीचे नहरें जारी हैं उस दिन जब ख़ुदा रसूल को और उन लोगों को जो उनके साथ ईमान लाए हैं रूसवा नहीं करेगा (बल्कि) उनका नूर उनके आगे आगे और उनके दाहिने तरफ़ (रौशनी करता) चल रहा होगा और ये लोग ये दुआ करते होंगे परवरदिगार हमारे लिए हमारा नूर पूरा कर और हमें बख्य दे बेशक तू हर चीज़ पर कादिर है