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Sura 66
Aya 10
10
ضَرَبَ اللَّهُ مَثَلًا لِلَّذينَ كَفَرُوا امرَأَتَ نوحٍ وَامرَأَتَ لوطٍ ۖ كانَتا تَحتَ عَبدَينِ مِن عِبادِنا صالِحَينِ فَخانَتاهُما فَلَم يُغنِيا عَنهُما مِنَ اللَّهِ شَيئًا وَقيلَ ادخُلَا النّارَ مَعَ الدّاخِلينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ख़ुदा ने काफिरों (की इबरत) के वास्ते नूह की बीवी (वाएला) और लूत की बीवी (वाहेला) की मसल बयान की है कि ये दोनो हमारे बन्दों के तसर्रुफ़ थीं तो दोनों ने अपने शौहरों से दगा की तो उनके शौहर ख़ुदा के मुक़ाबले में उनके कुछ भी काम न आए और उनको हुक्म दिया गया कि और जाने वालों के साथ जहन्नुम में तुम दोनों भी दाखिल हो जाओ