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Sura 65
Aya 2
2
فَإِذا بَلَغنَ أَجَلَهُنَّ فَأَمسِكوهُنَّ بِمَعروفٍ أَو فارِقوهُنَّ بِمَعروفٍ وَأَشهِدوا ذَوَي عَدلٍ مِنكُم وَأَقيمُوا الشَّهادَةَ لِلَّهِ ۚ ذٰلِكُم يوعَظُ بِهِ مَن كانَ يُؤمِنُ بِاللَّهِ وَاليَومِ الآخِرِ ۚ وَمَن يَتَّقِ اللَّهَ يَجعَل لَهُ مَخرَجًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

फिर जब वे अपनी नियत इद्दत को पहुँचे तो या तो उन्हें भली रीति से रोक लो या भली रीति से अलग कर दो। और अपने में से दो न्यायप्रिय आदमियों को गवाह बना दो और अल्लाह के लिए गवाही को दुरुस्त रखो। इसकी नसीहत उस व्यक्ति को की जाती है जो अल्लाह और अन्तिम दिन पर ईमान रखेगा उसके लिए वह (परेशानी से) निकलने का राह पैदा कर देगा