8يَقولونَ لَئِن رَجَعنا إِلَى المَدينَةِ لَيُخرِجَنَّ الأَعَزُّ مِنهَا الأَذَلَّ ۚ وَلِلَّهِ العِزَّةُ وَلِرَسولِهِ وَلِلمُؤمِنينَ وَلٰكِنَّ المُنافِقينَ لا يَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीये लोग तो कहते हैं कि अगर हम लौट कर मदीने पहुँचे तो इज्ज़दार लोग (ख़ुद) ज़लील (रसूल) को ज़रूर निकाल बाहर कर देंगे हालॉकि इज्ज़त तो ख़ास ख़ुदा और उसके रसूल और मोमिनीन के लिए है मगर मुनाफेक़ीन नहीं जानते