2يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا لِمَ تَقولونَ ما لا تَفعَلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ ईमानदारों तुम ऐसी बातें क्यों कहा करते हो जो किया नहीं करते