53وَكَذٰلِكَ فَتَنّا بَعضَهُم بِبَعضٍ لِيَقولوا أَهٰؤُلاءِ مَنَّ اللَّهُ عَلَيهِم مِن بَينِنا ۗ أَلَيسَ اللَّهُ بِأَعلَمَ بِالشّاكِرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर इसी प्रकार हमने इनमें से एक को दूसरे के द्वारा आज़माइश में डाला, ताकि वे कहें, "क्या यही वे लोग है, जिनपर अल्लाह न हममें से चुनकर एहसान किया है ?" - क्या अल्लाह कृतज्ञ लोगों से भली-भाँति परिचित नहीं है?