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Sura 6
Aya 13
13
۞ وَلَهُ ما سَكَنَ فِي اللَّيلِ وَالنَّهارِ ۚ وَهُوَ السَّميعُ العَليمُ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

हालॉकि (ये नहीं समझते कि) जो कुछ रात को और दिन को (रुए ज़मीन पर) रहता (सहता) है (सब) ख़ास उसी का है और वही (सब की) सुनता (और सब कुछ) जानता है