129وَكَذٰلِكَ نُوَلّي بَعضَ الظّالِمينَ بَعضًا بِما كانوا يَكسِبونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदइसी प्रकार हम अत्याचारियों को एक-दूसरे के लिए (नरक का) साथी बना देंगे, उस कमाई के कारण जो वे करते रहे थे