120وَذَروا ظاهِرَ الإِثمِ وَباطِنَهُ ۚ إِنَّ الَّذينَ يَكسِبونَ الإِثمَ سَيُجزَونَ بِما كانوا يَقتَرِفونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ लोगों) ज़ाहिरी और बातिनी गुनाह (दोनों) को (बिल्कुल) छोड़ दो जो लोग गुनाह करते हैं उन्हें अपने आमाल का अनक़रीब ही बदला दिया जाएगा