115وَتَمَّت كَلِمَتُ رَبِّكَ صِدقًا وَعَدلًا ۚ لا مُبَدِّلَ لِكَلِماتِهِ ۚ وَهُوَ السَّميعُ العَليمُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुम्हारे रब की बात सच्चाई और इनसाफ़ के साथ पूरी हुई, कोई नहीं जो उसकी बातों को बदल सकें, और वह सुनता, जानता है