110وَنُقَلِّبُ أَفئِدَتَهُم وَأَبصارَهُم كَما لَم يُؤمِنوا بِهِ أَوَّلَ مَرَّةٍ وَنَذَرُهُم في طُغيانِهِم يَعمَهونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर हम उनके दिलों और निगाहों को फेर देंगे, जिस प्रकार वे पहली बार ईमान नहीं लाए थे। और हम उन्हें छोड़ देंगे कि वे अपनी सरकशी में भटकते रहें