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Sura 59
Aya 14
14
لا يُقاتِلونَكُم جَميعًا إِلّا في قُرًى مُحَصَّنَةٍ أَو مِن وَراءِ جُدُرٍ ۚ بَأسُهُم بَينَهُم شَديدٌ ۚ تَحسَبُهُم جَميعًا وَقُلوبُهُم شَتّىٰ ۚ ذٰلِكَ بِأَنَّهُم قَومٌ لا يَعقِلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ये सब के सब मिलकर भी तुमसे नहीं लड़ सकते, मगर हर तरफ से महफूज़ बस्तियों में या (शहर पनाह की) दीवारों की आड़ में इनकी आपस में तो बड़ी धाक है कि तुम ख्याल करोगे कि सब के सब (एक जान) हैं मगर उनके दिल एक दूसरे से फटे हुए हैं ये इस वजह से कि ये लोग बेअक्ल हैं