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Sura 58
Aya 2
2
الَّذينَ يُظاهِرونَ مِنكُم مِن نِسائِهِم ما هُنَّ أُمَّهاتِهِم ۖ إِن أُمَّهاتُهُم إِلَّا اللّائي وَلَدنَهُم ۚ وَإِنَّهُم لَيَقولونَ مُنكَرًا مِنَ القَولِ وَزورًا ۚ وَإِنَّ اللَّهَ لَعَفُوٌّ غَفورٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

तुम में से जो लोग अपनी बीवियों के साथ ज़हार करते हैं अपनी बीवी को माँ कहते हैं वह कुछ उनकी माएँ नहीं (हो जातीं) उनकी माएँ तो बस वही हैं जो उनको जनती हैं और वह बेशक एक नामाक़ूल और झूठी बात कहते हैं और ख़ुदा बेशक माफ करने वाला और बड़ा बख्शने वाला है