14يُنادونَهُم أَلَم نَكُن مَعَكُم ۖ قالوا بَلىٰ وَلٰكِنَّكُم فَتَنتُم أَنفُسَكُم وَتَرَبَّصتُم وَارتَبتُم وَغَرَّتكُمُ الأَمانِيُّ حَتّىٰ جاءَ أَمرُ اللَّهِ وَغَرَّكُم بِاللَّهِ الغَرورُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवे उन्हें पुकारकर कहेंगे, "क्या हम तुम्हारे साथी नहीं थे?" वे कहेंगे, "क्यों नहीं? किन्तु तुमने तो अपने आपको फ़ितने (गुमराही) में डाला और प्रतीक्षा करते रहे और सन्देह में पड़े रहे और कामनाओं ने तुम्हें धोखे में डाले रखा है