12يَومَ تَرَى المُؤمِنينَ وَالمُؤمِناتِ يَسعىٰ نورُهُم بَينَ أَيديهِم وَبِأَيمانِهِم بُشراكُمُ اليَومَ جَنّاتٌ تَجري مِن تَحتِهَا الأَنهارُ خالِدينَ فيها ۚ ذٰلِكَ هُوَ الفَوزُ العَظيمُफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजिस दिन तुम मोमिन मर्द और मोमिन औरतों को देखोगे कि उन (के ईमान) का नूर उनके आगे आगे और दाहिने तरफ चल रहा होगा तो उनसे कहा (जाएगा) तुमको बशारत हो कि आज तुम्हारे लिए वह बाग़ है जिनके नीचे नहरें जारी हैं जिनमें हमेशा रहोगे यही तो बड़ी कामयाबी है