56فيهِنَّ قاصِراتُ الطَّرفِ لَم يَطمِثهُنَّ إِنسٌ قَبلَهُم وَلا جانٌّफ़ारूक़ ख़ान & नदवीइसमें (पाक दामन ग़ैर की तरफ ऑंख उठा कर न देखने वाली औरतें होंगी जिनको उन से पहले न किसी इन्सान ने हाथ लगाया होगा) और जिन ने