32وَلَقَد يَسَّرنَا القُرآنَ لِلذِّكرِ فَهَل مِن مُدَّكِرٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहमने क़ुरआन को नसीहत के लिए अनुकूल और सहज बना दिया है। फिर क्या कोई नसीहत हासिल करनेवाला?