14تَجري بِأَعيُنِنا جَزاءً لِمَن كانَ كُفِرَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो हमारी निगाहों के सामने चल रही थी - यह बदला था उस व्यक्ति के लिए जिसकी क़द्र नहीं की गई।