45فَذَرهُم حَتّىٰ يُلاقوا يَومَهُمُ الَّذي فيهِ يُصعَقونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअतः छोडो उन्हें, यहाँ तक कि वे अपने उस दिन का सामना करें जिसमें उनपर वज्रपात होगा;